पत्नि की फ्रेंड की जमकर चुत गांड बहुत खुब चोदा


वाइफ की फ्रेंड सेक्स किया कैसे मैंने अपनी बीवी की दोस्त को साली बनाकर पटाया और अपने फ्लैट पर चोदा।

उसका नाम सपना था।

जितना अच्छा नाम … उससे भी कहीं ज़्यादा सुंदर और सेक्सी बदन की मल्लिका … एकदम मलाई की तरह और गालों पर लाली!



लम्बे घने बाल, हिरणी सी सुंदर आँखें … जिनमें इतना नशा है कि बस होश में आने का दिल ही ना करे।

पहली बार जब मैंने सपना को देखा … तभी मैं उसे अपना दिल दे चुका था।

गजब की शारीरिक बनावट और एकदम गुलाबी बिल्कुल गुलाब की पंखुड़ी जैसे रसीले होंठ।

एकदम छरहरी काया, तेजोमय मुखड़ा, कमीज में से झांकते चूचियां अंदाजन 32 का साइज, एकदम सपाट पेट, छोटी कुर्ती जिसकी वजह से गहराई में उतरती हुई सुडौल नाभि दिल में आग लगाकर घी का काम कर रही थी।

32-26-34 चूचियां, कमर और चूतड!
कसा हुआ पेट, पीछे को हल्की सी उभरी हुई गांड!
शायद हर लड़की यही सोचती है काश ऐसा जिस्म मेरा भी हो।
                     

बिना पलक झपकाये एकटक आंखों में आंखे डाले हुए हम एक दूसरे की बांहों में हम लय के साथ अपनी लय मिलाते जा रहे थे और … और ज्यादा पास आते जा रहे थे।
इतना पास कि मेरा लण्ड उसकी चूत की गर्मी को महसूस करने लग गया था।
उसकी सांसें मेरी सांसों से टकराने लग गयी थी।

उसकी सीधी खड़ी चूचियाँ मेरी छाती पर रगड़ खाने लगी थी और आंखें ऊपर उठाकर मुझे देखते हुए उसके होंठ भी कांपना शुरू कर चुके थे।

मेरा लण्ड अंदर ही अंदर झटके मार मार कर अपनी स्थिति बयाँ कर रहा था।

सपना ने भी इसे बहुत अच्छे से महसूस किया और पलटकर अपनी गांड को मेरे लण्ड से रगड़ना शुरू कर दिया।

ख़ैर चुम्बन की जो क्रिया मैंने शुरू की थी … सपना अब तक उसमें पूरी तरह डूब चुकी थी.
उसकी तेज़ चलती साँसें, यहाँ तहाँ चलते हाथ और मेरे ऊपर बनती पकड़ बता रही थी कि वो कितनी भूखी है और आज मुझे उसकी भूख मिटानी है।

मैंने उसे अपनी बांहों में उठाया और उसकी साड़ी और ब्लाउज को खींचकर निकाल दिया.
पिंक ब्रा उसकी उजली चमक को और बढ़ा रही थी।

मेरे हाथ उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियों को मसलने लगे।
आंखें बन्द किये शायरा इसका लुत्फ उठाने लगी।


आशिक बनाया मूवी के गाने की तर्ज पर मैंने भी सपना को दीवार की तरफ पलट कर लगा दिया.

फिर ऊपर उसकी गर्दन से होते हुए उसकी कमर पर अपने दांत लगाते हुए नीचे आने लगा।

तेज होती साँसें अब उसकी आहहह ऊहहह को भी तेज करती जा रही थी।

साथ ही पैंटी भी उसके जिस्म से अलग कर दी।

अब केवल ब्रा में मेरे सामने मचल रही थी। बिल्कुल ही 18 वर्ष की कमसिन कली जैसा था उसका जिस्म! कोई अतिरिक्त त्वचा नहीं, एकदम खिंची हुई … सौंदर्य की मूर्ति एक देवलोक की अप्सरा मेरे सामने नग्न खड़ी अपने जिस्म की नुमाइश कर रही थी।

अपने कपड़े, पैन्ट उतार कर मैंने अपने लण्ड को सपना के हाथ मे दे दिया, वो इससे खेलने लगी।
मैंने इशारे से उसे मुँह में लेने को कहा।

मैं इतना सोच ही रहा था कि उसके गर्म होंठ लण्ड की चमड़ी को पीछे कर टोपे को मुंह मे ले चुके थे।
मुझे ऐसा लगा मानो किसी ने अंगार रख दी हो।

धीरे धीरे लण्ड को चूसते हुए वो आगे पीछे करने लगी।
आज मेरा लण्ड कुछ ज्यादा ही बड़ा हो रहा था ऐसा मैंने महसूस किया।

मेरे लण्ड का साइज बहुत डिसेंट 6.5 इंच है और 3 इंच मोटा है।

अच्छी खासी टाइमिंग के साथ पुरजोर चोदने में माहिर लण्ड सपना के मुँह में जगह बनाता जा रहा था।
अब मैंने भी लण्ड को हिलाकर उसके मुंह में आगे पीछे करना शुरू कर दिया था।

घप घप घुं घुं की आवाज के साथ लण्ड उसके गले में सांस नली तक जा रहा था।
लेकिन वासना की भूख में डूबी सपना ने जरा भी शिकन नहीं दिखाई।

मुझे चोदते हुए गाली देना अच्छा लगता है इससे सेक्स का मजा दोगुना से चारगुना हो जाता है- मादरचोद चूस मेरे लौड़े को, और जोर से चूस … निकाल दे आज सारा रस इसका!
                   

उसके बालों को पकड़ पूरा का पूरा लण्ड मुँह में धक्के मारे जा रहा था।
उसकी लार अब मेरे पैरों पर गिर रही थी। मुँह भर चुका था।

बीच बीच में रुक कर वो खांस भी देती थी.
लेकिन आज उसके सिर पर क्या भूत चढ़ा था … जैसे सारा रस पी जाएगी।
सपना का यह रौद्र रूप शायद उसके गंडवे पति ने भी न देखा हो।

आह ओह्ह उम्म हस्सस … बस यही मेरे मुंह से निकल रहा था।

सपड़ सपड़ करके उसका लण्ड को चूसना और आंख उठाकर बार बार मुझे देखना दिल के अंदर तक सिरहन पैदा कर रहा था।

“साली रंडी … मादरचोद … लण्डचूस … चूस … निकाल दे लण्ड का पानी … पी जा सारा का सारा!” जोश में मैं कई बार उसके सिर को पकड़ लण्ड को उसके गले में उतार रहा था।

इतनी देर में मुझे महसूस हुआ कि मेरा काम होने वाला है और मैं झड़ने वाला हूँ।

मैंने सपना को बताया तो उसने स्पीड और बढ़ा दी और लण्ड को गहरे हल्क तक उतार लिया ताकि सीधा गले से नीचे उतार सके।
आह हहहह सशस … लण्ड एक दम से फूल गया और फटने को हो गया और झटके के साथ गरम गरम मलाई शायरा के मुंह में छोड़ने लगा।




सीधा गले में उतारते हुए सपना छोटे बच्चे की तरह निप्पल की तरह लण्ड को निचोड़ निचोड़ कर पी रही थी।

स्खलित होते हुए मेरी सांस ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे रुक सी गयी, आंखें मदहोशी में बंद थी, शरीर की सारी जान लण्ड के रास्ते निकलती महसूस हो रही थी।

मेरा शरीर ढीला पड़ता जा रहा था।

ज़न्नत यही है बस महसूस हो रहा था।
थोड़ी देर बाद 
लण्ड महाराज को फिर से तैयार कर दिया।

अबकी बार मैं झटके से खड़ा हुआ और उसे भी खड़ा करके सोफे काउच पर उसके कुतिया स्टाइल में खड़ा कर उसके दोनों हाथ पीछे कमर पर खींच लिए।

अपने एक पैर के इशारे से इसकी दोनों टांगें खोली और लण्ड को उसकी चूत के दरवाजे की दिशा दिखाई।

उसकी गांड का छेद एकदम छोटा सा और पिंक था.
वाह … देख कर मजा आ गया।

चूत पर लन्ड को सेट कर अंदर डालने के लिए हल्का सा दबाया लेकिन फिसल गई।

2 साल से अनचुदी चूत और मेरा लण्ड दोनों संपर्क नहीं बना पा रहे थे।

मैंने भागकर कोल्ड क्रीम उठायी और उंगली भरकर उसकी चूत के अंदर और मेरे लण्ड पर लगा दी और फिर से उसके हाथ पीछे पकड़ कर लण्ड को अंदर करने लगा।
इस बार सपना ने लण्ड को पीछे से पकड़ कर अपनी चुत के छेद पर सीधा कर दिया।

क्रीम की चिकनाहट और सपना की सहायता से करीब 3-4 इंच लण्ड एकदम से फिसलता हुआ अंदर चला गया।

नीचे काउच पर दबा हुआ उसका सिर और मुंह, हल्की हल्की आवाज ही गले से निकलने दे रहा था।

सपना दर्द से तड़प रही थी लेकिन उसे पता भी था कि यह दर्द कितनी देर का होता है।
वह बोली- अभी और मत डालना … यहीं से हिलाना शुरू करो।

मैं इतने में ही लण्ड को अंदर बाहर करने लगा.


8-10 बार आगे पीछे करते हुए मैंने मौका देखकर सपना की चूत के अंदर एक और झटका मारा और चुत को फाड़ता हुआ करीब 80% लण्ड अंदर चला गया।

सपना तैयार नहीं थी अचानक हुए इस हमले के लिए!
एक हल्की चीख के साथ आंख में आंसू आ गये और उसके मुंह से गाली निकली- माँ के लौड़े मार दिया, बहनचोद बता तो देता।

उसकी गाली सुनते ही मेरा जोश और भी बढ़ गया और अब हम दोनों घपाघप चुदाई में लग गए।

“कुतिया साली … और गाली दे … बहन की लोड़ी … रंडी साली … चुद अपने यार से आज!”

सपना कभी गाली दे भी सकती थी ऐसा नहीं सोचा था।
लेकिन आज मेरे सामने सारे सरप्राइज एक साथ ही आ गए।

करीब 2 मिनट इस पोजीशन में चोदने के बाद मैंने झटके से लण्ड बाहर निकाला और उसे पीछे कर खुद सोफा काउच पर नीचे होकर बैठ गया।
फीर मेरे टाइट लण्ड पर बिठाकर चुदाई करवाई 

हल्के हल्के झटके (ऊपर नीचे होते हुए) के साथ लण्ड धीरे धीरे जड़ तक उसकी चुत में बच्चेदानी तक जा के टकराया।

पूरा लण्ड उसकी चुत के अंदर जाकर लग रहा था।
हर झटके के साथ सपना मेरे निप्पल को दांत से काट लेती, दर्द के साथ आंनद की अनुभूति दोनों को ही हो रही थी।

लण्ड पूरा कड़क होकर उसकी चुत की फांकों को फैला रहा था।

करीब 2-3 मिनट बाद अब शायरा हचक हचक कर लण्ड को अंदर ले रही थी.
उसने मेरी छाती पर हाथ रखे और लण्ड पर उछलने लगी।

इससे मैं समझ गया कि वो आने वाली है।

मैं कभी उसकी चुचियों को, कभी निप्पल को जोर जोर से दबाने लगा।

जोर पकड़ती चुदायी और लण्ड के लगते हुए झटके हम दोनों को सुख सागर में भिगो रहे थे।

जबरदस्त चुदायी का आंनद हम दोनों ही ले रहे थे और एक दूसरे के अंदर पूरा घुसने की कोशिश कर रहे थे।

हचकती हुई आवाज और हाथ पकड़ बनाते हुए सपना की चूत ने मेरे लण्ड को भींचना शुरू कर दिया और अगले 5-6 झटकों में लबालब चुत पानी फेंकने लगी।

मुझे लगा कि मैं भी साथ आ जाऊंगा … इसीलिए अपनी गति को बढ़ा दिया और घचा घच और छप छप की आवाज के साथ हमारी रतिक्रिया को अंतिम रूप देने लगा।

“आह आह ओह्ह ओह्ह सपना मैं भी आ रहा हूँ।”

उसने कहा- अंदर ही निकाल देना … मैं कब से प्यासी हूँ।

करीब 15-17 झटकों के बाद मैं भी उसकी चुत को गहराई तक सींचते हुए झड़ने लगा.

लण्ड ने भी जी भर के पानी उगला, चुत और लण्ड का रस मिलकर हम दोनों की जांघों से चलने लगा था।

मैं अभी भी हल्के हल्के झटके मरते हुए अपना सारा वीर्य उसकी चुत में निकाल रहा था।


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